sureshjain.com2023-10-15T18:14:30+05:30
दुश्मन भी दुआ दें फितरत ऐसी है अपने ही दगा दे किस्मत ऐसी है!
sureshjain.com2024-08-28T14:24:20+05:30
गए थे बड़े यकीन से की रोएंगे नही हम !
जानेवाले काश तूने एक बार पलट कर देखा होता !
sureshjain.com2023-07-06T22:23:03+05:30
अचेतन मन में कोई न कोई ऐसी ग्रन्थि होती है,
जो चैन से कहीं भी बैठने नहीं देती...
sureshjain.com2024-02-09T13:14:45+05:30
अपनी बेटी को ज्ञान देकर अच्छे और बुरे का, उसे इस गंदे समाज का आईना दिखाता है, एक पिता ही है जो मजबूती से हांथ पकड़कर, उसे कदम से कदम मिलाकर चलना सिखाता है..
sureshjain.com2023-09-01T13:58:05+05:30
तुम्हारा एकांत ही तुम्हें मनुष्य बना सकता है, भीड़ तुम्हें भेड़ बना देगी। जया मिश्रा
sureshjain.com2024-08-27T18:34:02+05:30
बलात्कार को 'पाशविक' कहा जाता है , पर यह पशु की तौहीन है, पशु बलात्कार नहीं करते। सुअर तक नहीं करता, मगर आदमी करता है। हरिशंकर परसाई
sureshjain.com2023-07-06T22:14:14+05:30
तुम्हारे पाँव के नीचे कोई ज़मीन नहीं
कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यक़ीन नहीं
~ दुष्यंत कुमार
sureshjain.com2023-07-06T22:14:16+05:30
"कर्म" मेरे लिए "उल्टा काम" करता है..मै जितना ज्यादा
अच्छा" करता हूँ, मेरे साथ उतना ही ज्यादा "बुरा" होता है.
sureshjain.com2024-08-27T16:10:07+05:30
लोग बेताब थे मिलने को मंदिर के पूजारी से, हम दुआ लेकर आ गये बाहर बैठे भिखारी से..!
sureshjain.com2023-09-12T12:31:05+05:30
दिक्कतों पर जितना ध्यान दोगे वो उतनी बढेंगी , समाधान पर जितना ध्यान दोगे वो उतने ही मिलेंगे ...
sureshjain.com2023-07-06T22:12:10+05:30
कुछ लोग लफ्जों से वजूद नापते हैं,
साहिल पर खड़े होकर समुंद्र ताकते हैं.
sureshjain.com2024-08-27T17:41:19+05:30
बदलाव कभी दर्दनाक नहीं होता, केवल बदलाव का विरोध दर्दनाक होता है। बुद्ध
sureshjain.com2024-08-28T14:28:00+05:30
शायद इसलिए .."शायरी" इतनी "खुबसूरत" होती है... कभी सच ..छुपा लेती है तो.. कभी "शख्स".....
sureshjain.com2023-11-22T08:35:21+05:30
हार और जीत का कोई अर्थ नहीं होता जो हौंसला न हारे ,वो जज़्बा व्यर्थ नहीं होता रात दिन जो सिर्फ फ़तेह के गीत गाते है जो, लड़ते रहते हैं वो इक दिन जीत जाते हैं
sureshjain.com2024-08-28T12:44:12+05:30
बेवक़्त आया तूफ़ान बे-हिसाब तबाही मचा जाता है, फ़िर चाहे वो हमारे शहर में आया हो या हमारे जीवन में !
sureshjain.com2023-11-24T10:43:23+05:30
ना छेड़ क़िस्सा -ऐ- उल्फ़त का , बड़ी लंबी कहानी है , मैं ग़ैरों से नहीं हारा किसी अपने की मेहरबानी है !
sureshjain.com2024-08-27T17:30:44+05:30
नहीं मांगती प्राण प्राण में , सजी कुसुम की क्यारी स्वप्न स्वप्न मे गूंज सत्य की , पुरुष पुरुष मे नारी रामधारी सिंह दिनकर
” मैं शायर तो नहीं “
कुछ यहां से, कुछ वहां से…
सबका धन्यवाद !