sureshjain.com2024-06-25T15:46:37+05:30 यह लड़ाई साझी थी...मुल्क से मुहब्बत साझी थीनफ़रत से लड़ाई साझी थी कभी-कभी जो होती थीवो हताशा साझी थी झीख...खीज...अनबनहंसी-बैठकीसब साझी थी और साझी रहेगी तुम्हारा हिस्साअब तुम्हारी यादें देंगी तुम्हारी यादेंसब में साझी रहेंगी