sureshjain.com2023-07-06T22:21:06+05:30
नीरज से बढ़ के और धनी कौन है यहाँ
उस के हृदय में पीर है सारे जहान की
sureshjain.com2024-08-27T18:50:14+05:30
वफ़ा चाहिए तो एक कुत्ता पाल लो, इंसानों के फितरत में वफ़ा नही रहा , ये मान लो ।।
sureshjain.com2023-07-06T22:21:30+05:30
समझौता करो तो खुद से करो क्योंकि,
अपने से फैसला लेना भी सही रास्ता होता है !!
sureshjain.com2023-12-30T13:06:13+05:30
थोड़े बहुत संस्कार अब गांव में ही बचे हैं, शहरों में लोग अंग प्रदर्शन को फैशन समझते हैं...
sureshjain.com2024-08-28T15:28:13+05:30
तुमसे मेरा प्रेम कुछ ऐसा रहेगा,
दुनिया उदाहरण दे हमारा, वैसा रहेगा.
sureshjain.com2023-07-06T22:10:51+05:30
सवाल अहंकार का नहीं इज़्जत का रखो
कोई लहज़ा बदले तो तुम रास्ता बदल लो!
sureshjain.com2023-07-06T22:12:38+05:30
अभी हम उठे ही कहाँ जो तूफ़ान देखेगा
इक दिन झुक के हमें आसमान देखेगा
अम्बष्ठ
sureshjain.com2023-07-06T22:21:56+05:30
आखिर कब तक किस्सा बनके रहोगे ,
जल्दी से हिस्सा भी बनजाओ मेरी जिंदगी का ..!!
sureshjain.com2024-08-27T17:32:53+05:30
जीवन कटना था, कट गया अच्छा कटा, बुरा कटा यह तुम जानो मैं तो यह समझता हूँ कपड़ा पुराना एक फटना था, फट गया जीवन कटना था कट गया। गोपालदास “नीरज”
sureshjain.com2023-07-06T22:12:24+05:30
तबियत अपनी घबराती है जब सुनसान रातों में
तो ऐसे में तेरी यादों की चादर तान लेते हैं
~फ़िराक़ गोरखपुरी
sureshjain.com2023-07-06T22:21:55+05:30
तमाम इश्क के शहर मालिक अब आग में जलते हैं
मज़हब के पैरों से लोग आशिकों के सर कुचलते है
sureshjain.com2023-07-06T22:20:23+05:30
कुछ तो राज छुपाएं जातें हैं मोहब्बत में यूं ही
कोई तीसरा अचानक से नहीं आ जाता जिंदगी में
sureshjain.com2023-07-06T22:21:55+05:30
ना गिले ना शिकवे ना उम्मीद है किसी से,
बड़े मतलबी जो निकले है सब इस दौर में..!!
sureshjain.com2024-08-27T18:37:23+05:30
मुसीबत के वक्त ही परखे जातें हैं रिश्ते, वर्ना बातें तो सब वफादारी की ही करते हैं...!!
sureshjain.com2023-07-06T22:20:34+05:30
पागल ही हूँ मैं जो तेरे शहर में बैठ कर तेरा ही इंतिज़ार करता हूँ…
sureshjain.com2024-08-28T12:58:06+05:30
वो वक्त और था जब दिल से मुस्कुराया करते थे.. अब चेहरे की खुशी का दिल से कोई वास्ता नहीं..!!
” मैं शायर तो नहीं “
कुछ यहां से, कुछ वहां से…
सबका धन्यवाद !