sureshjain.com2023-07-10T18:51:28+05:30
हर बार समझेंगे आप उनको वो हर बार आपको तोड़ते चले जायेंगे..!!
sureshjain.com2023-07-06T22:22:46+05:30
पिता का क्रोध कदापि आपका अवरोध नहीं,
सही मार्ग पर चलने का अनुरोध है।
sureshjain.com2024-07-26T16:55:37+05:30
आज नही तो कल किया है...
स्त्री ने मर्द के साथ हमेशा छल किया है...
sureshjain.com2024-08-28T15:09:03+05:30
चलो हकीक़त से थोड़ी मुलाक़ात करते हैं ,
जितनी औकात बस उतनी ही बात करते हैं !!
sureshjain.com2024-08-28T15:06:44+05:30
चिंतनहीन निर्णय और निर्णयहीन चिंतन कभी भी कारगर नहीं होते...
sureshjain.com2024-08-28T13:14:25+05:30
अपने संघर्ष को अपना जुनून बना लो.. जब तक वो तुम्हारी कहानी ना लिख दे..!!
sureshjain.com2023-07-06T22:21:20+05:30
मेरे दोस्तों सामने हो मंजिल तो
रास्ते ना मोड़ना जो भी मन में हो
वो सपना मत तोड़ना कदम कदम पर मिलेगी मुश्किल आपको
बस सितारे छूने के लिए जमीन मत छोड़ना
sureshjain.com2024-08-28T14:19:54+05:30
ज़ुबाँ तो खोल नज़र तो मिला जवाब तो दे
मैं कितनी बार लूटा हूँ मुझे हिसाब तो दे।
sureshjain.com2024-08-28T14:39:23+05:30
इश्क की सुई से जहर रगो में उतारा गया है
में भी हसमुख था मुझे जहरीला बनया गया है
sureshjain.com2024-08-28T15:20:47+05:30
रोज़ नया दिन निकलता है पर सूरज तो वही है
एक चक्कर घूम के दुबारा आपके पास आता है
और नया हो जाता है
वैसे ही ये ज़िंदगी है जब आप चाहें उसे नया बना दे
अच्छाईयों के प्रकाश से इसको नई रौशनी दे
पुराने गिले शिकवे क्रोध नफ़रत अँधेरें छोड़ कर
दिन की रोज़ नई शुरुआत करें
sureshjain.com2024-04-24T10:09:56+05:30
बुद्धिहीन तनु जानि के,
सुमिरौ पवन कुमार,
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि,
हरहुं कलेश विकार।।
sureshjain.com2024-08-27T18:29:32+05:30
निन्दा का सत्य भी झूठ लगता है, जबकि प्रशंसा का झूठ सत्य सा मालूम होता है। ओशो
sureshjain.com2024-08-27T18:39:01+05:30
कमाल की थी तेरी वो मुस्कुराहट जिसके हम कायल थे, आज तो तेरा लहजा मेरे मौन को भी घायल किये हुए है..!! विरक्ति
sureshjain.com2024-08-28T13:49:24+05:30
जीवन में हमेशा इंतजार ही नही करना चाहिए,
क्योंकि सही वक्त कभी नही आता,
उसे लाना पड़ता है !
sureshjain.com2024-04-15T11:43:21+05:30
गरीब की थाली में पुलाव आ गया है
लगता है शहर में चुनाव आ गया...
sureshjain.com2024-08-28T14:22:30+05:30
किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई
मैं घर में सब से छोटा था मेरे हिस्से में माँ आई
sureshjain.com2023-07-06T22:22:32+05:30
वहाँ कोई महानता नहीं है जहाँ सादगी,
अच्छाई और सच्चाई नहीं है।
” मैं शायर तो नहीं “
कुछ यहां से, कुछ वहां से…
![]()
सबका धन्यवाद !


