sureshjain.com2024-08-28T15:32:12+05:30
जीवन का परिचय बहुत सीधा सा है….
आसूं वास्तविक है और मुस्कान में अभिनय है..!!
sureshjain.com2024-08-28T14:18:00+05:30
आ ज़ा फिर से मेरे ख्यालों में….कुछ बात करते हैं…
कल जहाँ खत्म हुई थी…वहीं से शुरुवात करते है…
sureshjain.com2024-08-28T14:23:30+05:30
जिन्दगी कुछ ऐसी मोड़ पे आकर रुक सी चुकी है,
की मजबूरी जीने की हो गई है और चाहत मारने की !
sureshjain.com2023-10-18T12:27:52+05:30
रिश्ते उन्ही से रखो जो समय आने पर , सहयोग और प्यार दिखाए' औकात नही ...
sureshjain.com2024-08-28T13:07:34+05:30
तुझे देखते ही मेरा खिलना एक तरफ,
घर पे झूट बोल के तूझसे मिलना एक तरफ...
sureshjain.com2023-12-30T13:06:51+05:30
प्रेम में रस्म होती है रूठने की , तुम्हें क्यों लगा हमारा झगड़ा हुआ है ।।
sureshjain.com2023-07-06T22:23:03+05:30
जिंदगी भर किसी का साथ चाहिए तो सुनो,
मोहब्बत से अधिक उसकी जरूरत बनें रहो !
sureshjain.com2023-07-06T22:23:16+05:30
ये चार दिन की जिन्दगी, किस किस से कतरा के चलूं,
खाक हूँ मैं…खाक पर…क्या खाक इतरा के चलूं...
sureshjain.com2024-08-28T13:39:10+05:30
ज़िन्दगी बहुत खूबसूरत है इसे बचाएं, फिलहाल दूरियों से ही इसे सजाएं..!!
sureshjain.com2023-07-06T22:23:50+05:30
मुझसे ही क्यो पूछते हो सब, उनके बारे में,
कभी उनसे भी पूछ लिया करो, मेरे बारे में...
sureshjain.com2023-07-06T22:12:10+05:30
जीवन अपूर्ण लिए हुए
पाता कभी खोता कभी
आशा निराशा से घिरा
हँसता कभी रोता कभी
गति-मति न हो अवरूद्ध
इसका ध्यान आठो याम है
चलना हमारा काम है
इस विशद विश्वप्रहार में
किसको नहीं बहना पडा
सुख-दुख हमारी ही तरह
किसको नहीं सहना पडा
फिर व्यर्थ क्यों कहता फिरूँ
मुझपर विधाता वाम है
sureshjain.com2024-08-27T16:50:01+05:30
अज्ञानी व्यक्ति एक बैल के समान है, वह ज्ञान में नहीं बल्कि आकार में बढ़ता है गौतम बुद्ध
sureshjain.com2023-12-30T20:50:50+05:30
माँ की आँखों से अक्सर छलक जाते हैं आँसू , अगर बाप की आँखों से छलके तो बात गहरी है ...
” मैं शायर तो नहीं “
कुछ यहां से, कुछ वहां से…
सबका धन्यवाद !