बड़बोले किसी के सगे नहीं हैं
वे जिस पौधे को लगाते हैं
कुछ दिनों बाद
एक बार उसे उखाड़कर देख लेते हैं
कहीं जड़ तो नहीं पकड़ रहा

~ दिनेश कुशवाह