sureshjain.com2024-08-27T16:52:51+05:30
सांप से ये सुनकर शर्मिंदा हुए जब से इंसान को काटा है फन दुखता है
sureshjain.com2024-08-28T14:17:23+05:30
जब प्रतिष्ठा बढ़ेगी तो निंदा का टैक्स तो चुकाना ही पड़ेगा... निंदा से ना घबराएँ ये तो प्रगति की निशानी है...
sureshjain.com2024-08-28T14:53:07+05:30
तू शरीक रहे मेरे जनाजे में ऐसी सौगात हो,
भले तेरी ही बेवफ़ाई के कारण मेरी मौत हो,
और दो फूल तुम भी चढ़ाने आना मेरी कब्र पर,
मुकम्मल इसी बहाने शायद हमारी मुलाकात हो..!!
sureshjain.com2024-08-28T14:16:39+05:30
कभी न कभी ज़िन्दगी मे
किसी कवि से प्रेम जरूर करना
वो शायद
नहाता कम होगा
पर दिन मे दो बार
वो खुद को खंगलता जरूर होगा
अपने अंदर के खयालो को
सड़ने से काफी पहले
कागजो पर निकालता जरूर होगा
इसलिए
एक बार को ही
ऐसे किसी शख्स के करीब जाना
और वक़्त पड़े तो
उसे प्रेम कर देखना
ताउम्र नही
sureshjain.com2024-08-28T15:24:33+05:30
छिन जाती है "मासूमियत" चेहरे की,
मुफलिसी "उम्र" देखकर वार नहीं करती..!!
sureshjain.com2024-08-27T17:42:56+05:30
हम तर्क से पराजित होने वाले नहीं है। हाँ, यदि कोई चाहे तो प्यार, त्याग और चरित्र से हमें जीत सकता है। -रामधारी सिंह 'दिनकर'
sureshjain.com2024-03-21T10:12:31+05:30
पता है मुझे ऐ ज़िन्दगी कदम कदम पर तू मुझे रुलायेगी मगर याद रख तेरे ज़ुल्मों सितम की उम्र है छोटी मेरे होंठों की हंसी से तू पल पल मात खायेंगी
sureshjain.com2023-12-16T19:25:39+05:30
जो जिंदगी बची है उसे मत गँवाइए बेहतर यह है कि आप मुझे भूल जाइए
sureshjain.com2023-07-06T22:19:31+05:30
रूख से हटाकर ये पर्दा हमसे मिला करो
होंने से पहले रूखसत गले से लग जाया करो
और मैं किस जुबां में करूँ
इज़हार तुमसे ये इश्क़ अपना
कभी तो यार मेरी इन बेचैनियों से
हाल मेरा समझ जाया करो
sureshjain.com2024-08-28T13:13:15+05:30
मूर्ख से बहस करना गाल पर बैठे मच्छर को मारने जैसा है, मच्छर मरे या ना मरे पर आपको थप्पड़ ज़रूर लगेगा।
sureshjain.com2023-07-06T22:18:53+05:30
कहते है किसी के घर ख़ाली हाथ नहीं जाना चाहिए..!!
इसलिए मैं अपना चार्जर साथ लेकर जाती हूँ ..!!
sureshjain.com2024-04-11T10:36:15+05:30
शोहरत की बुलंदी भी पल भर का तमाशा है
जिस डाल पे बैठे हो वो टूट भी सकती है
sureshjain.com2024-03-13T12:28:53+05:30
सांसें उधार ले के गुज़ारी हैं जिंदगी हैरान वो भी थी कि मैं मर क्यूं नहीं गया
sureshjain.com2024-02-21T10:26:02+05:30
कितने आसान हो गए हैं रिश्ते... जब मन करे बनाओ, रखो, डिलीट कर दो...
sureshjain.com2024-04-17T12:15:14+05:30
त्याग दो सब ख्वाहिशें कुछ अलग करने के लिए
‘राम’ ने खोया बहुत कुछ ‘श्री राम’ बनने के लिए...
” मैं शायर तो नहीं “
कुछ यहां से, कुछ वहां से…
![]()
सबका धन्यवाद !


