जिंदगी के सफर में उठे मेरे कदम एक दूजे से बात करते हैं साघते है ज़िन्दगी का सुर मीठा और बहते आवारा हवा से तुम्हें याद करते है राजेश गौरी

जिंदगी के सफर में उठे मेरे कदम एक दूजे से बात करते हैं साघते है ज़िन्दगी का सुर मीठा और बहते आवारा हवा से तुम्हें याद करते है राजेश गौरी