sureshjain.com2024-08-27T18:15:46+05:30
किसी से भी उलझने का अब मन नही करता , आप सही , मैं ग़लत , बात ख़त्म …
sureshjain.com2024-03-18T14:00:28+05:30
हमारी हकीकत हमे ही पता है, लोगों ने इस चेहरे को बस हसते हुए देखा है...
sureshjain.com2024-03-13T12:28:53+05:30
सांसें उधार ले के गुज़ारी हैं जिंदगी हैरान वो भी थी कि मैं मर क्यूं नहीं गया
sureshjain.com2023-11-29T12:07:07+05:30
मैं तो वक्त से हारकर सर झुकाये खड़ा था, और सामने खड़े लोग खुदको बादशाह समझने लगें...
sureshjain.com2023-07-06T22:23:03+05:30
सेक्स सिर्फ दस मिनट का काम है,
दिवाना बनाने वाला प्यार ही है।
sureshjain.com2023-07-06T22:17:45+05:30
कितने शिकवे हैं ज़िंदगी के साथ,
फिर भी मरने को दिल किसी का नहीं करता !
sureshjain.com2024-04-29T11:14:52+05:30
तुम्हारी नूर के दीदार को ,
कहाँ रोक पायेगा हिजाब।
दिल मेरा कहता है,
क्यों ना दे दूँ तुम्हें,
जन्नत की हूर का ख़िताब।।
sureshjain.com2024-08-27T17:39:15+05:30
अगर सोने का हिरण चाहेगी सीता तो बिछड़ जायेंगे उसे राम ये तय है चौदह वर्ष वनवास रहा एक एक रात कटी रोते रोते तब जाकर बार समझ में आई सोने के हिरण नही होते
sureshjain.com2023-12-06T12:57:28+05:30
थोड़ा डुबूंगा, मगर मैं फिर तैर आऊंगा , ऐ ज़िंदगी, तू देख, मैं फिर जीत जाऊंगा...
sureshjain.com2024-08-27T18:37:13+05:30
आगाह अपनी मौत से कोई बशर नहीं सामान सौ वर्ष का है पल की किसी को खबर नहीं!
sureshjain.com2024-08-28T13:55:41+05:30
मैं तुम्हारी सादगी की क्या मिसाल दूँ ,
इस सारे जहां में बेमिसाल हो तुम!!
sureshjain.com2023-07-06T22:17:44+05:30
नत हूं मैं सबके समक्ष, बार-बार मैं विनीत स्वर
ऋण - स्वीकारी हूं - विनत हूं
मैं मरूंगा सुखी
मैंने जीवन की धज्जियां उड़ाई हैं।
~ अज्ञेय
sureshjain.com2024-08-27T18:55:15+05:30
इश्क से नशीला कोई नशा नहीं है, घूंट–घूंट पीते है और कतरा कतरा मरते है...
sureshjain.com2023-07-06T22:22:45+05:30
मिल जाता है सुकून उनकी तस्वीर देख कर,
कुछ शख़्स हमारी ज़िंदगी में ऐसे भी होते हैं..!!
sureshjain.com2024-08-28T12:27:43+05:30
मैं आज भी अपने मुकद्दर से शर्त लगाती हूं... भरी बरसात में कागज की पतंग उड़ाती हूं...!!
sureshjain.com2024-08-27T16:38:13+05:30
तुलसी साथी विपति के, विद्या, विनय, विवेक। साहस सुकृति सुसत्य व्रत, राम भरोसे एक।। तुलसीदास जी
sureshjain.com2024-04-21T12:05:11+05:30
कागा सब तन खाइयो।
चुन चुन खाइयो माँस।।
दो नैना मत खाइयो।
मोहे अच्छे दिन की आस।।
sureshjain.com2024-04-23T12:48:13+05:30
प्यार या नफ़रत सिर्फ़ बच्चे करते हैं
बड़े होकर आदमी सिर्फ़ व्यापार करते हैं
” मैं शायर तो नहीं “
कुछ यहां से, कुछ वहां से…
सबका धन्यवाद !