sureshjain.com2024-08-28T14:27:23+05:30
ज़िन्दगी भर मेरे जीते जी तुमने मेरा मातम मनाया,
आख़िरी तमन्ना है मेरी मौत पर तुम उत्सव मनाना…!!
sureshjain.com2024-08-28T14:26:08+05:30
उस से मिलना तो उसे ईद-मुबारक कहना
ये भी कहना कि मिरी ईद, मुबारक कर दे...
sureshjain.com2023-07-06T22:22:33+05:30
दुःख देखिए
हम सब अकेले हैं
फिर भी हमारे पास समय नहीं है
किसी अकेले के लिए।
- नरेश गुर्जर
sureshjain.com2024-08-28T12:25:48+05:30
खलिश तेरी "आंखों" कि बयां करती है, तूने बसाए हैं "दुखों" के समंदर इनमें..!! विरक्ति
sureshjain.com2024-08-27T18:17:08+05:30
डालोगे इज्जत पर हाथ उनके, वो सर' धड़ से अलग कर देंगी। अगर है वो द्रौपदी ' तो याद रखना, कृष्ण बनकर भी वही उभरेंगी।। सेजल
sureshjain.com2023-11-17T15:11:19+05:30
दुनियां एक खतरनाक जगह है, बुराई करने वालों से नहीं बल्कि उन लोगों की वजह से जो देखते हैं और कुछ नहीं करते!!
sureshjain.com2024-08-28T13:29:09+05:30
शेरों के साथ संगत बनाइए.. कुत्तों के साथ बैठने से आप सिर्फ पीठ पीछे भोकना ही सीखेंगे..!!
sureshjain.com2024-08-28T13:18:12+05:30
आपसे बिछड़े तो ख़ुद को और बेहतर कर लिया आँख दरिया कर न पाए दिल को पत्थर कर लिया !!
sureshjain.com2024-08-27T15:55:12+05:30
जिन साँपों को गुरूर है आपने जहर पर मैं उन्हें बता दू कि मैं इलाज जानता हूं।
sureshjain.com2023-07-06T22:19:31+05:30
बाते बंद होने के बाद तुम्हे जब भी देखा,
तो सिर्फ ऑनलाइन ही देखा…!!
sureshjain.com2024-04-25T11:11:19+05:30
बड़े दाग हैं,
इस सफेद लिबास में भी,
कभी पोशाक को
क़फ़न से
मिला कर तो देखिए !
sureshjain.com2023-07-06T22:22:30+05:30
भूत पहले ही बीत चुका है, भविष्य अभी तक आया नहीं है। तुम्हारे लिए जीने के लिए बस एक ही क्षण है।
~ गौतम बुद्ध
sureshjain.com2023-07-06T22:21:56+05:30
मरना है इक रोज सभी को ही बस ख्वाहिश इतनी है उस पल हाथों में हाथ बस तेरा हो
रहे तू सामने मेरे और मेरी आंखों को दीदार सिर्फ तेरा हो....
जा सकूं मैं इस दुनिया से चैन से इस तरह तू थामे रखना मेरा हाथ की मुझे मौत में भी सुकून हो...!!
sureshjain.com2023-07-06T22:10:51+05:30
दुःख हमारे नसीब में है, खुशी हमारे नसीब में कहाॅं
और कोई हमसे प्यार करे इतना, हम खुशनसीब कहाॅं
sureshjain.com2023-10-15T18:18:48+05:30
ज़ुल्म यह है कि जिंदगी लावारिस सी हो गई है ,, गुरुर यह है की ख्वाहिश से अब भी जिंदा है..!
sureshjain.com2023-07-06T22:20:34+05:30
मुझे पल भर के लिए आसमान को मिलना था
पर घबराई हुई खड़ी थी…
कि बादलों की भीड़ में से कैसे गुज़रूँगी…
” मैं शायर तो नहीं “
कुछ यहां से, कुछ वहां से…
सबका धन्यवाद !