sureshjain.com2023-07-06T22:23:27+05:30
फिर हमनें अपनी आंखो को सजाया है तुम्हारे लिए
तुम अपना दिल कब सजाओगे मेरे लिए....!!
sureshjain.com2023-12-16T19:24:17+05:30
सुलह कराने में लगा हूं दिल और दिमाग के बीच दिल मानता नहीं दिमाग सोंचता नहीं कुसुरवार दोनों हैं दिल स्वीकारता नहीं दिमाग जानता नहीं मुद्दा जो था वो रहा नहीं जाने से पहले दोनों से कुछ कहा नहीं
sureshjain.com2024-08-27T19:04:33+05:30
हर बार के मिलने में तक़ल्लुफ कैसा , चाँद सौ बार भी निकले तो नया लगता है ।।
sureshjain.com2024-02-21T09:33:44+05:30
तेरे ख़्वाबों से अच्छे मेरे ख़्यालात है,,, तुम ख़्वाबों मे भी दगा करते हो कितना भी चाहूँ तुम मेरे नहीं होते,,,, पर ख्यालतो मे तुझे मुक्कुमल पा लेता हूं
sureshjain.com2023-12-05T12:38:55+05:30
एक तरफ दुनियाँ चांद पर भी जा रहीं है, दूसरी तरफ जाति से बाहर विवाह नही होता !
sureshjain.com2024-08-28T13:56:50+05:30
मैं उठता हूं कभी कलम रखता हूं
इस तरह इश्क के जज्बातों पर सर रखता होगा
खेल कोई इश्क तुम्हारे लिए यारों
मैं तो मरे जिस्मों में मोहब्बत की रूह रखता हूं
sureshjain.com2023-12-21T05:06:08+05:30
रोने वालों से कहो उनका भी रोना रोएं , जिनको मजबूर हालात ने रोने ना दिया ।।
sureshjain.com2024-03-11T10:40:03+05:30
बहुत थे मेरे भी इस दुनिया में अपने, फिर हुआ इश्क़ और हम लावारिस हो गए ..!!
sureshjain.com2024-04-18T10:07:48+05:30
जान जाने के बाद शरीर श्मशान में जलता है
तेरे जानेके बाद तो में बिन अग्निको जलता हु
sureshjain.com2024-02-16T15:42:23+05:30
मिट्टी के मटके और परिवार का मूल्य, केवल बनाने वाले को ही ज्ञात होता है, तोड़ने वाले को नहीं..!!
sureshjain.com2023-07-06T22:12:55+05:30
अगर जिंदगी में खुश रहना चाहते हो
तो दूसरों के सुख और अपने दुख
देखना छोड़ दो
जिंदगी में बहुत खुश रहोगे….
sureshjain.com2024-08-27T18:51:31+05:30
घमंड तेरा भी एक ना एक दिन ख़ाक हो जाएगा, जिस दिन मिट्टी से बना ये शरीर राख हो जाएगा..!!
sureshjain.com2024-02-11T12:03:05+05:30
सारे जग की उम्मीदों से निज स्वार्थ बड़े जब हो जायें पद हेतु, शत्रु के पाले में कुछ मित्र खड़े जब हो जायें तब दिल पर पत्थर रखकर उनसे हाथ छुड़ाना पड़ता है निज संबंधों को भूल पार्थ को शस्त्र उठाना पड़ता है फंस गया तुम्हारा रथ कविवर अब इसे खेंच न पाओगे विक्रेता हो तुम बहुत कुशल पर गोबर बेच न पाओगे
sureshjain.com2023-09-15T09:51:14+05:30
मत पूछ तेरे लिये हम कितना तड़पते थे, आंसू छिपाकर अपने अंदर से बिलखते थे..!!
sureshjain.com2023-07-06T22:20:48+05:30
हालात कह रहे है अब वो याद नही करेंगे
ओर उम्मीद कह रही है थोड़ा और इंतजार करेंगे
sureshjain.com2023-07-06T22:23:03+05:30
प्रतीक्षा मे प्रेम अमर हो जाता हैं,
और रूह हमेशा के लिए उम्र-कैद !!
sureshjain.com2023-07-06T22:17:44+05:30
नत हूं मैं सबके समक्ष, बार-बार मैं विनीत स्वर
ऋण - स्वीकारी हूं - विनत हूं
मैं मरूंगा सुखी
मैंने जीवन की धज्जियां उड़ाई हैं।
~ अज्ञेय
sureshjain.com2023-07-06T22:20:35+05:30
व्यर्थ का तक़ल्लुफ़ क्यों किसी से निभाना..
जहाँ दिल न मिले वहाँ हाथ क्यों मिलना..!!
” मैं शायर तो नहीं “
कुछ यहां से, कुछ वहां से…
सबका धन्यवाद !