दुरी हुई तो उनके करीब हम और हुए।
ये कैसे फासले थे जो बढ़ने से कम हुए।
sureshjain.com2024-04-23T12:48:13+05:30
प्यार या नफ़रत सिर्फ़ बच्चे करते हैं
बड़े होकर आदमी सिर्फ़ व्यापार करते हैं
sureshjain.com2024-04-23T12:38:35+05:30
चुनना होंगे नए लोग नई यात्रा के लिए
देना होंगे पैर उन्हें चलने के वास्ते
पर नहीं होगा आसान छीन पाना उनसे
थाम रखी हैं जो रंगीन बैसाखियों
sureshjain.com2024-04-23T10:12:27+05:30
संस्कार ही ऐसे मिले है जनाब
दिल से उतरे लोंगो से भी तमीज़ से बात करते है...
sureshjain.com2024-04-23T10:10:50+05:30
मैं फ़िज़ूल खुली किताब सा हो लिया
और तुमने अनपढ़ बनना सीख लिया
sureshjain.com2024-04-23T10:10:16+05:30
दोनों की मोहब्बत जुदा जुदा
कभी तू मुझसे कभी में
तुझसे खफा ख़फ़ा,,,,
आ लग जा गले
मिलकर करें अपने दरमियान
सारे मसले
रफा दफा,,,,
sureshjain.com2024-04-22T12:08:34+05:30
किसी की खुशियों का हिस्सा बनो..
दुख देने के लिए जमाना पड़ा है इधर..!!


