sureshjain.com2023-07-06T22:23:26+05:30
गिरता न कभी चेतक तन पर
राणाप्रताप का कोड़ा था
वह दौड़ रहा अरिमस्तक पर
वह आसमान का घोड़ा था
था यहीं रहा अब यहाँ नहीं
वह वहीं रहा था यहाँ नहीं
थी जगह न कोई जहाँ नहीं
किस अरिमस्तक पर कहाँ नहीं
sureshjain.com2024-03-25T12:37:24+05:30
गैस भइल महँगा न चुके उधारी भइली सरेंडर सिलेंडर कुमारी… जोगिरा सा रा रा रा रा…
sureshjain.com2023-07-06T22:23:02+05:30
हज़ार बुराईयां हैं मुझमें, अच्छाई सिर्फ एक ही है
तुम्हारे 'न चाहने पर भी… "तुम्हें चाहते हैं.
sureshjain.com2023-07-06T22:21:56+05:30
शाख से टूटे हुए फूल ने सबक दिया,
ज्यादा अच्छे बनोगे तो लोग तोड़ देगें..
sureshjain.com2024-08-28T14:23:11+05:30
जब हम निकलते है अपने तेवर में,
तब दुश्मन भी बोल उठते हैं अपने फेवर में !
sureshjain.com2024-08-27T17:38:05+05:30
यदि पांडवो सी विवशता आएगी, तो हिस्से में श्री कृष्ण भी आयेंगे !
sureshjain.com2024-03-26T12:52:42+05:30
बेनूर हूँ, बेसब्ज हूँ, मशरूफ़ खुद में हूँ क़ाबिल नहीं मैं, मेरी अक़ीदत न कीजिये
sureshjain.com2024-08-27T18:27:13+05:30
हमे देखो हमारे पास बैठो हमसे कुछ सीखो , हमने प्यार मांगा था हमने दाग़ पाए हैं...
sureshjain.com2024-08-28T12:34:55+05:30
हर शायरी किसी ना किसी के लिये एक गुमनाम खत है..! जो किसी के घर के पते पर नही मन की,दहलीज पर खुलती है।
sureshjain.com2024-08-28T15:09:51+05:30
मेरी तड़प ना समझी मेरे जज़्बात समझती,
गर प्यार ना दे सकी तो नफ़रत भी ना करती,
और हर पल बिलखने के लिए छोड़ दिया मुझको,
मुकम्मल मौत दे देती यूं अधमरा ना छोड़ती..!!
sureshjain.com2023-09-04T01:31:10+05:30
परवाह करने वाले ढूंढ़िये , इस्तेमाल करने वाले तो खुद आपको ढूंढ लेंगे।
sureshjain.com2024-08-27T16:01:24+05:30
किताबें इस लिए पढ़ो ताकि आप, लोगों से बहस नहीं तर्क कर सको...
sureshjain.com2023-07-06T22:21:19+05:30
लत तो मुझे तुम्हारी लगी है..,,
वरना ये, शायरी करना मुझे कहा आता है,
और इल्ज़ाम बेचारे फ़ोन पर आता है..
sureshjain.com2024-08-28T14:18:09+05:30
आज फिर से ओढ़ ली उसने
ख़ामोशी की चादर
ज़बान उसकी मगर चीखना चाहती थी
sureshjain.com2023-12-11T20:14:25+05:30
गलती माफ़ हो सकती है, गलतियां भी माफ़ हो सकती हैं ....पर धोखा कदापि नहीं।
sureshjain.com2024-08-27T18:15:01+05:30
ज़िन्दगी गुज़ारने के 2 तरीक़े है, जो हो रहा है होने दो बरदाश्त करो, या फिर ज़िम्मेदारी उठाओ उसे बदलने की..!
” मैं शायर तो नहीं “
कुछ यहां से, कुछ वहां से…
सबका धन्यवाद !