sureshjain.com2024-08-28T12:44:52+05:30
गणित में कमज़ोर है वो वरना दो पलो के लिए बारह घण्टो की रात कौन ज़ाया करता है...
sureshjain.com2024-04-03T13:23:47+05:30
कर्म से डरिये…..
ईश्वर से नहीं…..
ईश्वर माफ़ कर देता है…..
कर्म नहीं ….. !!!
sureshjain.com2024-08-27T16:38:54+05:30
अरे नासमझ है, नादान है, वो मन कि कच्ची हैं अभी, पढ़ ना सकी कसीदे मेरे इश़्क़ के, शायद वो बच्ची हैं अभी..!! विरक्ति
sureshjain.com2024-06-21T20:35:43+05:30
धूप तो यूँ ही बदनाम है ,
जलन तो इंसानों को एक दुसरे से है ..!!
sureshjain.com2023-07-06T22:21:30+05:30
जहाँ तक मुमकिन था मै तुम्हारे पीछे भागा,
अब इस से आगे तुम्हारी बदनसीबी है..
sureshjain.com2024-04-15T10:40:38+05:30
दरिया आँखों में था फिर भी प्यास रही
ज़िन्दगी भर ज़िन्दगी की तलाश रही
sureshjain.com2023-07-06T22:13:17+05:30
अपनी उम्मीद हमेशा ख़ुदा से रखो,
इंसान कब बदल जाए कोई भरोसा नही ॥
sureshjain.com2024-09-23T14:44:40+05:30
पुरानी आदतों को है बदलना अब मुश्किल
मेरी मुहब्बत को तुम वही आदत समझो
sureshjain.com2023-07-06T22:22:30+05:30
सिर्फ एक गलती की देर है,
लोग भूल जाएंगे आप पहले कितने अच्छे थे।
sureshjain.com2024-04-23T12:53:11+05:30
उस एक लम्हे को ढूंढो, जो तुमको ढूंढता है
गुज़रते लम्हों से यूं बदगुमान क्या होना....!!!
sureshjain.com2023-07-06T22:10:23+05:30
मेरी जिंदगी मै खुशियां तेरे बहाने से है,
आधी तुझे सताने से है आधी तुझे मनाने से है।
sureshjain.com2024-08-28T14:24:57+05:30
डिग्रिया तो आपकी पढ़ाई के खर्च की रसीदें है..
ज्ञान वही है जो आपके किरदार में झलकता है.!
sureshjain.com2024-08-28T12:49:29+05:30
चुप हैं किसी सब्र से तो पत्थर न समझ हमें, दिल पे असर हुआ है तेरी बात-बात का...
sureshjain.com2024-08-27T17:59:51+05:30
भूल कर भी अपने दिल की बात किसी से मत कहना, यहाँ कागज भी जरा सी देर में अखबार बन जाता है।
sureshjain.com2024-08-28T13:21:26+05:30
फितरत से जो गिरगिट होता है राजनीति में वो फिट होता है ! लबालब भरा हो जो फ़रेब से किरदार वो बड़ा हिट होता है !
sureshjain.com2023-10-27T14:49:02+05:30
धन दौलत को चाहने वाला बिखर जाता है, और महादेव को चाहने वाला निखर जाता है !
sureshjain.com2024-08-28T13:07:01+05:30
खुशियां बहुत सस्ती हैं इस दुनियां में हम ही दूंढते है उसे महंगे लोगों और महंगी दुकानों में..!!
दर्द छुपाते छुपाते,
दर्द में जीने की आदत हो गई !
” मैं शायर तो नहीं “
कुछ यहां से, कुछ वहां से…
सबका धन्यवाद !
चेहरे पर चेहरा लगाना पड़ता हैं,
मैं ठीक हूं ये कहकर मुस्कुराना पड़ता हैं !