देश से बड़ा कुछ नही है,
देश हित में मतदान जरूर करें...!
sureshjain.com2024-04-26T12:23:01+05:30
बिखरा वजूद…
टूटे ख़्वाब…
सुलगती तन्हाइयाँ….
उफ़्फ़
कितने हसीन…
तोहफ़े दे जाती है,
ये अधूरी मोहब्बत….
sureshjain.com2024-04-26T12:21:35+05:30
नए कपड़े बदल कर जाऊं कहां,
और बाल बनाऊ किसके लिए..
वो शख्स तो शहर ही छोड़ गया,
मैं बाहर जाऊं किस के लिए...!!
sureshjain.com2024-04-26T12:21:06+05:30
दोबारा लौट कर शायद मेरा बचपन चला आए
अगर पापा ख़्वाब में आ जाए तो नादान हो जाऊँ
sureshjain.com2024-04-26T09:35:59+05:30
कभी मुख़लिस तो कभी मुनाफ़िक़ हैं
ये मतलब परस्त लोग माहौल के मुताबिक़ हैं !
sureshjain.com2024-04-26T09:35:43+05:30
नहीं पढ़ीं जातीं सम्पूर्ण कविता अब उनसे
'दो' पंक्तियाँ दो उन्हें, किताबें वापस ले लो।
sureshjain.com2024-04-25T11:15:06+05:30
सज गई मंडी वोटो की
आ गए उनके चाहतदार...
हाथ जोड़कर मांग रहे हैं
बन जाओ उनके खेवन हार...🙏🥸
निर्णय लेना सोच समझकर
नानी दादी दादा और पापा
महिला बहने भी याद रखना
तुम्हारी बचत पर
फिर से ना पड़ जाए छापा....!!😜
sureshjain.com2024-04-25T11:12:50+05:30
सारे सपेरे वीरानों में घूम रहे हैं बीन लिए,
आबादी में रहने वाले साँप बड़े ज़हरीले थे


