बच्चों की सी फितरत है मेरी हसरतों की... ज़िद करना , मचल जाना , फिर..... खुद ही संभल जाना..!!
sureshjain.com2023-07-06T22:23:27+05:30
फिर हमनें अपनी आंखो को सजाया है तुम्हारे लिए
तुम अपना दिल कब सजाओगे मेरे लिए....!!
sureshjain.com2023-07-06T22:23:27+05:30
मुनाफिक और बत्तमिज में अगर फ़र्क किया जाए तो बत्तमिज ज्यादा खतरनाक नही होता जितना मुनाफिक होता है
sureshjain.com2023-07-06T22:23:27+05:30
इश्क़ और तबियत का कोई भरोसा नहीं मुर्शिद ,
मिजाज़ से दोनों ही दगाबाज़ हैं ..!!
sureshjain.com2023-07-06T22:23:27+05:30
छुड़ा के उंगली पापा ने सलाह दी,
अकेले चला कर बेटे सहारे ठीक नहीं होते...
sureshjain.com2023-07-06T22:23:27+05:30
एक तरफ है खामोशी एक तरफ है बरसो का इंतज़ार,
फिर भी ऐसी मोहब्बत का एक अलग ही रुतबा और सुकून...