सम्पूर्ण जीवन ही एक प्रयोग है।
जितने प्रयोग करोगे उतना ही अच्छा है।
सम्पूर्ण जीवन ही एक प्रयोग है।
जितने प्रयोग करोगे उतना ही अच्छा है।
किसी के साथ किसी भी प्रतियोगिता की कोई ज़रूरत नहीं है। तुम जैसे हो अच्छे हो, अपने आप को स्वीकार करो।
चाहे राजा हो या किसान, वह सबसे ज़्यादा सुखी है जिसको अपने घर में शान्ति प्राप्त होती है।
कल को बेहतर बनाने का एकमात्र तरीका यह जानना है कि आपने आज क्या गलत किया।
न्याय और नीति सब लक्ष्मी के ही खिलौने हैं।
इन्हें वह जैसे चाहती हैं, नचाती हैं।
अगर इतिहास को कहानियों के रूप में पढ़ाया जाता तो इसे कभी नहीं भुलाया जाता।
वो सूफ़ी का क़ौल हो या पंडित का ज्ञान
जितनी बीते आप पर उतना ही सच मान।
सिर्फ एक गलती की देर है,
लोग भूल जाएंगे आप पहले कितने अच्छे थे।
दुनिया के साथ समस्या ये है कि बुद्धिमान लोग संदेह से भरे हैं जबकि मूर्ख आत्मविश्वास से!


