लैलाओं को महलों का दुःख होता है,
चौराहों पर मजनू पत्थर खाते हैं.
sureshjain.com2023-07-06T22:21:56+05:30
सभी अनुभवों का स्वागत कीजिए,
पता नहीं कौन सा अनुभव आपकी ज़िन्दगी बदल दे..!!
sureshjain.com2023-07-06T22:21:56+05:30
आखिर कब तक किस्सा बनके रहोगे ,
जल्दी से हिस्सा भी बनजाओ मेरी जिंदगी का ..!!
sureshjain.com2023-07-06T22:21:56+05:30
एक एक कर के कितनों ने छोड़ा नहीं पता
इक साथ याद आते हैं सारे कभी कभी
sureshjain.com2023-07-06T22:22:05+05:30
कैसे भेज दूं उस मोहब्बत को भाड़ में,
जिसकी इबादत में दिन रात खुदा को याद करता हूं..!!
sureshjain.com2023-07-06T22:22:06+05:30
न मैं शायर हूँ न मेरा कोई शायरी से वास्ता ,
बस एक आदत सी हो गई उसकी यादों को बयान करना ..!!


