sureshjain.com2024-08-27T15:23:21+05:30
मेरे कानों का वो झुमका
हमारे इश्क़ की छन छन पे
इतराता है
तेरे हाथों की छुअन से
जाने क्यूँ अब भी
शर्माता है
sureshjain.com2023-08-22T02:24:29+05:30
सुना है हर बात का जवाब रखते हो तुम, क्या तन्हाई का इलाज़ भी रखते हो तुम?
sureshjain.com2024-04-08T11:28:14+05:30
हमें अपने जीवन से जुड़े अहम फैसले खुद लेने चाहिए,
ताकी बाद में हमें उसका अफ़सोस ना हो।
sureshjain.com2024-08-27T14:19:27+05:30
किसी पीर से पूछो ना किसी फ़क़ीर से पूछो,
तुम अपने बारे में सिर्फ अपने ज़मीर से पूछो....!!
sureshjain.com2023-09-02T18:45:07+05:30
कैसे आकाश में सूराख़ नहीं हो सकता एक पत्थर तो तबीअ'त से उछालो यारो दुष्यंत कुमार
sureshjain.com2023-12-22T16:33:39+05:30
सुनो दोस्तों पैसा इतना कमाओ की, चार लोग तुम्हे अपना दामाद बनाना चाहे...
sureshjain.com2023-12-30T21:23:04+05:30
पैसा मानव इतिहास की सबसे खराब खोज हैं, लेकीन मनुष्य के चरित्र को परखने की सबसे विश्वशनीय सामग्री हैं।
sureshjain.com2024-08-27T18:18:38+05:30
माटी कहै कुम्हार से, तू क्या रौंदे मोय। इक दिन ऐसा आएगा, मैं रौंदूगीं तोय॥ कबीरदास
sureshjain.com2023-12-22T16:23:54+05:30
अंशुओ का शायद इसीलिए कोई रंग नहीं होता क्योंकि जब ये आते है तब कोई संग नही होता
sureshjain.com2023-07-06T22:21:56+05:30
यकीनन जीत जाते तुमसे वफाओं की बात में,
हम तो बस तुम्हारी रंजिशों से हारे थे...
बेवजह ही तुमपर ऐतबार किया था ख़ता थी हमारी ,
के हम तेरे सहारे थे...!!
sureshjain.com2024-08-27T16:28:04+05:30
हम महानता के सबसे करीब तब आते हैं जब हम विनम्रता में महान होते हैं। रबीन्द्रनाथ टैगोर
sureshjain.com2023-11-05T13:04:44+05:30
हंसने की आदत डाली है, खुशी का कुछ एहसास नहीं, आसू भी अक्सर डुलते है पर दुःख भी कोई खास नहीं, नकाबों मैं वक्त गुजरे अपना, गहरे अपने जज़्बात नहीं...!!
sureshjain.com2023-07-06T22:12:39+05:30
जिंदगी में खुशियां यूटयूब की ऐड जैसी है मेरी..
कुछ पल के बाद खत्म हो जाती पता नही चलता..!!
sureshjain.com2023-07-10T17:03:25+05:30
तसल्ली से चाहिए मुझे तुम्हारा साथ , लम्हों में जन्मों की थकान कहाँ उतरती है !!
sureshjain.com2023-07-06T22:22:33+05:30
फूलों के दिन में
पौधों को प्यार सभी जन करते हैं,
मैं तो तब जानूँगी जब
पतझर में भी तुम प्यार करो !! ❤️
sureshjain.com2023-10-17T12:06:48+05:30
जरूरी नहीं कि काम से ही इंसान थक जाए, कुछ ख्यालों का बोझ भी, इन्सान को थका देता है !
sureshjain.com2023-07-06T22:17:57+05:30
आज फिर लौट आया बिना मांगें ,
मैं तेरे दर से…!
.
तुझे बस देख लेता हूँ तो ख्वाहिशें ,
खत्म हो जातीं हैं…!!
sureshjain.com2023-10-19T11:14:32+05:30
सुध बुध खो कर सौंप दिया तुझको मुझमें जो भी था मेरा चाहे तो रख लो सहेज कर चाहे तो छोड़ दो तजकर
sureshjain.com2024-08-27T18:35:18+05:30
"मर्यादाओं" के सारे द्वार तब शर्मशार हो जाते हैं, जब "दुशासन" जैसे महानीच अस्मत को ढाल बनाते हैं, और वो महिमा थी द्वापर की, जो लाज बची थी "द्रौपदी" की, अब कौरव निर्वस्त्र भी कर दें तब भी "कृष्ण" नहीं आते हैं..!! विरक्ति
” मैं शायर तो नहीं “
कुछ यहां से, कुछ वहां से…
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सबका धन्यवाद !


