कल मैं चालाक था, इसलिए मैं दुनिया बदलना चाहता था, आज मैं बुद्धिमान हूँ, इसलिए मैं अपने आप को बदल रहा हूँ।

कहानी लिखने वाला बड़ा नहीं होता, बड़ा वह है जिसने कहानी अपने जिस्म पर झेली है। ~ अमृता प्रीतम

हर चेहरे पर नक़ाब है, ये दौड़ बहुत खराब है...!!

हर पल हर लम्हा खुशी ढूंढो, जिंदगी बहुत छोटी है जीने की वजह ढूंढो।

दुश्मन सामने था मगर प्यासा था… मैने तलवार रख दी...पानी पिलाया और जंग जीत लिया