बेवफ़ाओं के तो बन जाते हैं हज़ारों महबूब, निभाने वालों का कब कौन यहाँ होता है
sureshjain.com2024-03-07T10:23:12+05:30
तुम्हारा एकांत ही तुम्हें मनुष्य बना सकता है, भीड़ तुम्हें भेड़ बना देगी
sureshjain.com2024-03-07T10:22:16+05:30
औरत को समझता था जो मर्दों का खिलौना उस शख़्स को दामाद भी वैसा ही मिला है
sureshjain.com2024-03-07T09:14:24+05:30
सहनशीलता, क्षमा, दया को तभी पूजता जग है बल का दर्प चमकता उसके पीछे जब जगमग है।
sureshjain.com2024-03-06T13:28:21+05:30
ऐसी बाँणी बोलिये, मन का आपा खोइ। अपना तन सीतल करै, औरन कौं सुख होइ॥
sureshjain.com2024-03-06T11:13:38+05:30
उम्र बढ़ती, प्यार बढ़ता, अरमां जवां और दुनिया हसीन हो जाती, तुम झरोखे से कुबूल कर लेती मुझको, तो जन्नत अधीन हो जाती !
sureshjain.com2024-03-06T10:53:20+05:30
हमको जज़्बात का इज़हार ना करना आया प्यार करते रहे इक़रार ना करना आया
sureshjain.com2024-03-06T10:48:07+05:30
संघर्ष में तुम अनाथ हो मित्र, क़ाफ़िला तो सफलता के बाद उमड़ता है!!


