तुम कहते हो कि तुम्हें
बारिश से प्यार है
लेकिन उसमें चलने के लिए
तुम छाता इस्तेमाल करते हो
तुम कहते हो तुम्हें हवा से प्यार है
लेकिन जब वो आती है तो
तुम खिड़कियां बंद कर देते है
इस लिए मैं डरता हूँ
जब...
जब क्रूर समाज ममता को नारी की कमजोरी समझ बैठे,
तब उस ममता को शक्ति का नव रूप बनाना जरूरी है।
उम्र छोटी, किरदार हजार, अनुभव लाख पाए थे,
तक़दीर कि मिली ठोकर से हम शून्य पर आए थे..!!
विरक्ति
यही खशियत है जिंदगी की
कर्ज वो भी चुकाने पड़ते है जो लिए ही नही