कोई गिरता गया
कोई गिर ही गया
sureshjain.com2024-04-22T11:57:18+05:30
फिर से उलझाता है सबको नफ़रत वाली बात में
दूसरे राउंड में ही लुच्चा आ गया औक़ात में
sureshjain.com2024-04-22T11:53:39+05:30
प्रीत न जाने जात कुजात
नींद न जाने टूटी खाट,
भूक न जाने बासी भात
प्यास न जाने धोबी घाट
sureshjain.com2024-04-21T12:10:30+05:30
इतवार की सुबह
इत्मीनान वाला
सुकून चाहती हूं
कोई हो जग जाए
मुझसे पहले मेरे लिए
ताकि सो सकूँ और
मेरी चिंता कर पाए।
कहे सबसे धीरे से
सोने दो उसे ज़रा
थकी हुई सी आज
उसे आराम जी भर
तसल्ली से करने दो
सोती रहूँ बेफिक्र से
करे मेरी फ़िक़्र ज़रा
कहे सब सम्भाल लेगा
निश्चिंत रहो मैं हूँ न!
sureshjain.com2024-04-21T12:09:58+05:30
देश चलता नहीं,
मचलता है,
मुद्दा हल नहीं होता सिर्फ उछलता है,
जंग मैदान पर नहीं,
मीडिया पर जारी है,
आज तेरी तो कल मेरी बारी है।
sureshjain.com2024-04-21T12:05:11+05:30
कागा सब तन खाइयो।
चुन चुन खाइयो माँस।।
दो नैना मत खाइयो।
मोहे अच्छे दिन की आस।।
sureshjain.com2024-04-21T12:03:56+05:30
उसने लिखी मेरी लिए
कई ग़ज़लें
ढेरों कविताएँ
ख़ूबसूरत नज़्में
मगर
मैंने सिर्फ़ उसका नाम लिखा दिल पे
और अपना बना लिया
sureshjain.com2024-04-21T12:03:01+05:30
तीर्थंकर महावीर ने कहा-सोचो.
शंका करो क्योकि सत्य केअनेक कोण होते है
प्रश्न करो.तब सत्य को पहचानो
जरूरी नही कि वही शाश्वत सत्य है जो कभी किसी ने लिख दिया था
मगर साथ ही हर बात में ‘शायद’ का ध्यान अवश्य रखना
यही 'स्यादवाद अनेकांतवाद' महावीर की विश्व को अद्भुत देनहै
sureshjain.com2024-04-21T12:02:11+05:30
एकांत से मुझें मोहब्ब्त हो चली हैं,
तुम बड़ी देर से आये हो...


