कहानी ख़त्म हुई और ऐसी ख़त्म हुई
कि लोग रोने लगे तालियाँ बजाते हुए
sureshjain.com2024-10-09T20:53:04+05:30
मैं वो चिराग हूँ,जो आँधियों में भी रोशन था...
खुद अपने घर की हवा ने,बुझा दिया है मुझे...
sureshjain.com2024-10-09T20:45:44+05:30
तुम मुझे इतना भूल जाना की तुम जी सको ,
मैं तुम्हें इतना याद रखूगा की मैं जी सकूं...
sureshjain.com2024-10-09T19:18:28+05:30
मुझे बर्दाश्त करने की नसीहत ना दीजिए
बल्कि मेरी जगह आइए और बर्दाश्त कीजिए...
sureshjain.com2024-09-30T14:13:28+05:30
पहले कच्चे घरों में
स्वर्ग की अनुभूति हुआ करती थी
अब शीश महल में
अपनेपन का स्पर्श नहीं मिल पाता
sureshjain.com2024-09-23T14:44:40+05:30
पुरानी आदतों को है बदलना अब मुश्किल
मेरी मुहब्बत को तुम वही आदत समझो
sureshjain.com2024-09-23T12:58:35+05:30
याद रखना सपने तुम्हारे है
तो पुरे भी तुम ही करोगे ,
न तो हालात तुम्हारे हिसाब से होंगे
और न ही लोग !