sureshjain.com2024-08-28T14:52:23+05:30 जमीं से जुड़े लफ़्ज़ों में वोसमुंदर से गहरे सार लिखती है… दिल में कैद लिए ख़ामोशीकलम से शोर बेशुमार लिखती है… भूल चुके जिसे अपने सारेउन लम्हों को यादगार लिखती है… तपती रेत को एक बंजारनभरे सावन सी बहार लिखती है…