28
Jun
जमीं से जुड़े लफ़्ज़ों में वो
समुंदर से गहरे सार लिखती है…
दिल में कैद लिए ख़ामोशी
कलम से शोर बेशुमार लिखती है…
भूल चुके जिसे अपने सारे
उन लम्हों को यादगार लिखती है…
तपती रेत को एक बंजारन
भरे सावन सी बहार लिखती है…
Jun
जमीं से जुड़े लफ़्ज़ों में वो
समुंदर से गहरे सार लिखती है…
दिल में कैद लिए ख़ामोशी
कलम से शोर बेशुमार लिखती है…
भूल चुके जिसे अपने सारे
उन लम्हों को यादगार लिखती है…
तपती रेत को एक बंजारन
भरे सावन सी बहार लिखती है…