sureshjain.com2023-07-06T22:20:09+05:30 “प्रतिभा तो ग़रीबी ही में चमकती है दीपक की भाँति, जो अँधेरे ही में अपना प्रकाश दिखाता है।” ~ मुंशी प्रेमचंद