होशियारी नोच लेगी सारे ख्वाब,
लुत्फ जो भी है नादानी में है…
बिलकुल! चलिए जारी रखें। जहां निर्मलता की किरण हर कदम दिखाए।
दुनिया जो कठिनाईयों से भरी हो सकती है, हम निर्मलता को पकड़ेंगे, एकमात्र अद्भुत वस्त्र।
चमकती हुई आँखों के साथ हम चलें, और निर्मलता का चमक सारे मार्ग पर रहें।
क्योंकि निर्मलता में एक कोमल ग्रेस है, प्यार की ज्योति जो सबको प्रकाशित करेंगी साथ।
जड़ से रहें हम ताजगी के प्रभाव में, और निर्मलता की पवित्रता को हम बढ़ाएंगे निरंतर।
जीवन की सादगी में छिपी मोहिनी, निर्मलता बयां करेगी सच्चाई की कहानी।
छोटी बातों में खुशी ढूंढें हम, और निर्मलता की शुद्धता दिल को छू जाएगी सबके।
जैसे हम जीवन के पथ पर चलते हैं, हम अपनी निर्मलता को संरक्षित रखेंगे सद।
निर्मलता हमारा प्रवण सामरथ्य होगी, जहां विपरीतताओं की कोई जगह नहीं होगी।
तो चलें दोस्त, हम निर्मलता के संग, प्रेम की ज्योति बढ़ाएंगे हम सबके विकास।
निर्मलता हमें आत्मा में समाये ! !


