sureshjain.com2023-07-06T22:22:34+05:30 दिल पर तो बहुत ज़ख़्म ज़माने के लगे हैंख़ुद-दारी से लेकिन कभी रोया नहीं जाता पहरे मिरे होंटों पे लगा रक्खे हैं उस नेचाहूँ मैं गिला करना तो बोला नहीं जाता ~ अज़हर नय्यर