sureshjain.com2023-07-06T22:23:16+05:30 जब-जब धर्म की ग्लानि-हानि यानी उसका क्षय होता है और अधर्म मे वृद्धि होती है, तब-तब मैं धर्म के अभ्युत्थान के लिए अवतार लेता हूं !!