sureshjain.com2024-06-28T11:02:52+05:30 आज की सुबह खास है बादल का वो टुकड़ा बारिश के साथतेरी यादों की फुहार भी लाया है मैं खुद को आज सींचूँगीमन में बसी विरह की तपिशको इन गिली बूंदो सेकुछ नयी कलियाँ कुछ नये सपनेकुछ नये से तुम खिल के मेरे सीने में फिर से बहार ले आओगे