sureshjain.com2023-12-16T19:24:17+05:30 सुलह कराने में लगा हूं दिल और दिमाग के बीच दिल मानता नहीं दिमाग सोंचता नहीं कुसुरवार दोनों हैं दिल स्वीकारता नहीं दिमाग जानता नहीं मुद्दा जो था वो रहा नहीं जाने से पहले दोनों से कुछ कहा नहीं