sureshjain.com2024-08-28T13:01:56+05:30 अरे झूठ ही सही लेकिन काश कभी, मैं तेरे ख्वाबों का वहम बन जाऊं, तू इज़हार तो कर अपनी मोहब्बत का, मैं तेरे मरीज-ए-इश्क का मरहम बन जाऊं..!! विरक्ति