sureshjain.com2024-08-28T12:50:02+05:30 अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जाएगा मगर तुम्हारी तरह कौन मुझ को चाहेगा। तुम्हें ज़रूर कोई चाहतों से देखेगा मगर वो आँखें हमारी कहाँ से लाएगा। तुम्हारे साथ ये मौसम फ़रिश्तों जैसा है तुम्हारे बा'द ये मौसम बहुत सताएगा। बशीर बद्र