sureshjain.com2024-08-28T12:52:25+05:30 क्यों है तेरा इन्तेजार ? किस बात कि है दरकरार ,, ? जानता हूँ कितनी ही सदायें दूँ तू ना आएगा पलटकर फिर भी क्यों है जिया बेकरार व्यर्थ है आशु अब पिया मिलन की आस,,,,, आशु