30

Jun

चरित्र कि कसौटी पर स्त्री के जज़्बात निचोड़े जाते हैं,
पवित्रता कि परीक्षा में हर बार उसके कपड़े उतारे जाते हैं,
हर पीड़ा सहकर भी खामोश रहती है वो,
उसके ज़ख़्म तो भर जाते हैं मगर निशां छोड़े जाते हैं..!!

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