sureshjain.com2023-07-06T22:22:46+05:30 तुम हाथ थाम लेते होमैं चल पड़ती हूँ तुम नज़र भर देखते होमैं मुस्कुरा देती हूँ तुम क़रीब आ जाते होमैं शरमा जाती हूँ तुम आग़ोश में भरते होमैं सिमट जाती हूँ तुम माथे को चूम लेते होमैं समर्पित हो जाती हूँ