तीर्थंकर महावीर ने कहा-सोचो.
शंका करो क्योकि सत्य केअनेक कोण होते है
प्रश्न करो.तब सत्य को पहचानो
जरूरी नही कि वही शाश्वत सत्य है जो कभी किसी ने लिख दिया था
मगर साथ ही हर बात में ‘शायद’ का ध्यान अवश्य रखना
यही 'स्यादवाद अनेकांतवाद' महावीर की विश्व को अद्भुत देनहै