सुनो साहिब, तुम्हारे प्रेम के रंगों से रंगीन हुआ मेरा बेरंग उदास सूना जीवन। जी नहीं सकती अब कभी भी तुमसे दूर रह मर जाऊंगी तुम्हारे बिन। ख्वाहिश नहीं मुझे ज्यादा चीजों की सिर्फ़ चूड़ियां कभी अपनी पसंद की पहना देना, पायल तो नहीं पहनूंगी तुमसे कदमों में अपने कभी तुम्हें नहीं झुकाना।