sureshjain.com2023-11-22T08:35:21+05:30 हार और जीत का कोई अर्थ नहीं होता जो हौंसला न हारे ,वो जज़्बा व्यर्थ नहीं होता रात दिन जो सिर्फ फ़तेह के गीत गाते है जो, लड़ते रहते हैं वो इक दिन जीत जाते हैं