sureshjain.com2024-08-27T16:38:54+05:30 अरे नासमझ है, नादान है, वो मन कि कच्ची हैं अभी, पढ़ ना सकी कसीदे मेरे इश़्क़ के, शायद वो बच्ची हैं अभी..!! विरक्ति