02Aug02/08/2023 sureshjain.com2023-07-30T12:34:55+05:30 रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय। टूटे से फिर ना जुड़े, जुड़े गाँठ परि जाय॥ रहीमदास