25
Jul
विरह कि आग में जल रही, अपनी ज़िन्दगी को खींच रहा हूं, बंद हो चुकी अपनी प्रेमग्रंथ के, जज्बातों को सींच रहा हूं..!! विरक्ति
Jul
विरह कि आग में जल रही, अपनी ज़िन्दगी को खींच रहा हूं, बंद हो चुकी अपनी प्रेमग्रंथ के, जज्बातों को सींच रहा हूं..!! विरक्ति