24
Jul
जिसे रास नहीं सच्चाई से पिरोई भौतिक लेखनी, वही मेरे दिली जज्बातों को नजरंदाज करेगा, और जो महसूस कर सकेगा दर्द मेरे लफ़्ज़ों का, वो "मोहब्बत" से "नफरत" बेहिसाब करेगा..!! विरक्ति
Jul
जिसे रास नहीं सच्चाई से पिरोई भौतिक लेखनी, वही मेरे दिली जज्बातों को नजरंदाज करेगा, और जो महसूस कर सकेगा दर्द मेरे लफ़्ज़ों का, वो "मोहब्बत" से "नफरत" बेहिसाब करेगा..!! विरक्ति