sureshjain.com2024-08-27T18:21:53+05:30 हर दिन होता "चीर" हरण है, तुम कितनी "द्रौपदी" बचाओगे, इन "कौरव" की औलादों पर, अब तुम कब "चक्र" चलाओगे..!! विरक्ति