sureshjain.com2024-08-27T18:59:33+05:30
इबादत रब की और सूरत यार की हो, सजदा रब का और रसम प्यार की हो, आशिको के मजहब का क्या कहना, जिक्र रब का और बात यार की हो...
sureshjain.com2024-08-28T12:47:21+05:30
हम भी सीखेंग अदा अब तो रूठ जाने की,
उनको आदत है बहुत हमको भूल जाने की,
लो हो गयी न तसल्ली जो दिल ये टूटा है,
क्या ज़ुरुरत थी मुहब्बत को आज़माने की
sureshjain.com2023-07-06T22:21:05+05:30
वजह तक पूछने का मौका ना मिला।
बस दिन गुजरते गए और हम अजनबी होते गए।।
sureshjain.com2023-07-06T22:23:26+05:30
एक दिन ऐसे भी जीना हैं ..
जी भर के पीना हैं ,
सारे दुखों को भुला देना हैं ,
जब तक होश ना खो दूँ,
हाँ ! मुझे भी शराब पीना हैं ..
sureshjain.com2024-08-28T14:16:05+05:30
यहीं कहीं दफ़न हो जाएंगे मेरे साथ मेरे अरमान भी,
मेरी वफ़ा के बदले मुझे "तड़पन" ईनाम मिली है..!!
sureshjain.com2023-07-06T22:22:46+05:30
ग़ैरों की बात छोड़िए, ग़ैरों से क्या गिला
अपनों ने क्या दिया हमें, अपनों से क्या मिला।
~ कैफ़ी आज़मी
sureshjain.com2024-08-27T16:56:46+05:30
जिम्मेदारियाँ जब सर पर हों, तो जिन्दगी के दलदल भी कदमो को बढ़ने से रोक नहीं पाते । ~ प्रह्लाद पाठक
sureshjain.com2024-08-27T17:45:44+05:30
ठोकरें खा कर भी न समझे तो मुसाफ़िर का नसीब
वरना पत्थरों ने तो अपना फ़र्ज़ निभा दिया था !
sureshjain.com2023-07-06T22:20:34+05:30
कोई मुझ से पूछ बैठा ‘बदलना’ किस को कहते हैं ?
सोच में पड़ गया हूँ मिसाल किस की दूँ? “मौसम” की या “अपनों” की…🌻
sureshjain.com2023-12-15T18:57:21+05:30
गुलशन के निगहबानो हम को न भुला देना कुछ ख़ार भी लाज़िम हैं फूलों की कहानी में ऐ दीदा-ए-तर तुझ को मालूम नहीं शायद बह जाते हैं ख़्वाब अक्सर अश्कों की रवानी में
sureshjain.com2024-08-27T16:00:02+05:30
वो जो उतरा है नज़र से इस बार, हमने उसकी नज़रें भी उतारी थी कभी !
sureshjain.com2023-07-06T22:24:07+05:30
मेरा संघर्ष एक दिन मुस्कुरायेगा,
पाँव से काँटा ख़ुद ही निकल जायेगा
sureshjain.com2024-03-10T17:10:31+05:30
तुम्हारा ये भ्रम झूठा है कि आंखों में कोई ओर है चीर के देखो दिल मेरी सांसों में तुम्हारा ही शोर है
sureshjain.com2023-12-28T00:18:40+05:30
भरता नही ज़ख्म अगर नासूर बन जाये ॥ जिसे अपना समझो वही जब दूर हो जाये ॥
दर्द छुपाते छुपाते,
दर्द में जीने की आदत हो गई !
” मैं शायर तो नहीं “
कुछ यहां से, कुछ वहां से…
सबका धन्यवाद !
चेहरे पर चेहरा लगाना पड़ता हैं,
मैं ठीक हूं ये कहकर मुस्कुराना पड़ता हैं !