हमें गुमान था तुम्हारा होने का आँखें खुली और सारा भ्रम टूट गया
sureshjain.com2024-03-09T22:25:11+05:30
जिम्मेदारियों के मशवरे मुझे न दो मैंने भरी जवानी में ख्वाहिशें जला डाली हैं!
sureshjain.com2024-03-09T22:23:13+05:30
दूनियां में सिर्फ मोबाइल ही जानता है, के उसके मालिक का किरदार कैसा है..
sureshjain.com2024-03-07T11:17:34+05:30
तू हिम्मत की बात मत कर,,,,, यकीं कर मेने उसको किसी और का होते हुवे भी देखा है ,,,,,
sureshjain.com2024-03-07T11:15:35+05:30
गम़ ये नहीं के लोग हमारे खिलाफ़ बोलते हैं! ख़ुशी ये है के उन्हें बोलना हम ने सिखाया था
sureshjain.com2024-03-06T13:26:59+05:30
भिड़ते,टकराते,छील के निकलते हैं रिश्ते, कितने चौराहों से गुजरते है रिश्ते, ज़ख्म जिस्मो पर नजर आते है सारे, कहने को रूह से उतरते है रिश्ते ..
sureshjain.com2024-03-07T10:51:27+05:30
अपनी हालत का ख़ुद एहसास नहीं मुझ को,, मैंने औरों से सुना है के परेशान हूँ मैं...!!


