नूर दिखेगा नही चहरे पर ना होगी चमक आंखों में एक दफ़ा आईने में देखो खुद को कितना फरेब छुपा है बातों में कितना,और कितना बोलोगे झूठ ख़ुदसे... हो ही नही सकता की खुशी मिलती हो खैरातो में स्वीकारो तो सही खुशी अपनी बदलते देर नही लगती हालातों में
sureshjain.com2024-03-20T14:28:09+05:30
इबादतों में मसरूफ़ हैं सभी आजकल दिलों को तोड़कर सजदों में रोया जा रहा हैं..
sureshjain.com2024-03-20T13:09:37+05:30
एक लात पड़ी थी तो पूरा देश सर पर उठा लिया गर्दन कट गई तो सन्नाटा है...! इस सन्नाटे को में क्या नाम दू....? पुराना विवाद आपसी रंजिश पैसे की लेती देती या फिर.... भाई चारा.... या फिर.... दलाली....???
sureshjain.com2024-03-20T13:07:02+05:30
तुम्हारी एक मुस्कान से सुधर गई तबियत मेरी , बताओ यार इश्क़ करते हो या इलाज़ करते हो ।।
sureshjain.com2024-03-20T13:01:36+05:30
ख़्वाहिशे ही तो हैं मन के भीतर कितनी मासूमियत से पनपती हैं उचक उचक कर शिशु की भाँति लगाती हैं पुकार पूर्णता को पाने के लिये पैर पटकती हैं चाहत होती है के सब पा लें सहज़ ही मगर कहाँ इतना सहज़ है इनकी ही तरह सहज़ हो पाना बस इतनी सी बात को ये दुनिया कहाँ समझती है...!!
sureshjain.com2024-03-20T13:00:12+05:30
बहादुर वह नहीं है जो भयभीत नहीं होता, बल्कि वह है जो इस भय को परास्त करता है।
sureshjain.com2024-03-20T12:59:00+05:30
दिल्ली में थूका, चाटा,गधे को बनाया बाप नाम तो लिया नहीं फिर कैसे समझे आप ? जोगीरा सारा रारा...


