कितनी मासूम है एक तरफ़ा मोहब्बत वैसे खेलता रहता है ... मैदान में बच्चा तन्हा
sureshjain.com2023-07-06T22:23:27+05:30
जो कुछ भी हूॅं पर यार गुनहगार नहीं हूॅं,
दहलीज़ हूॅं दरवाजा हूॅं पर दीवार नहीं हूॅं !!
sureshjain.com2023-07-06T22:23:27+05:30
तूने जो ना कहा मैं वो सुनती रही ख़ामख़ाह,
बेवजह ख़्वाब बुनती रही
जाने किसकी हमें लग गई है नज़र
इस शहर में ना अपना ठिकाना रहा
दूर चाहत से मैं अपनी चलती रही
ख़ामख़ाह, बेवजह ख़्वाब बुनती रही ....
sureshjain.com2023-07-06T22:23:27+05:30
बच्चों की सी फितरत है मेरी हसरतों की... ज़िद करना , मचल जाना , फिर..... खुद ही संभल जाना..!!
sureshjain.com2023-07-06T22:23:27+05:30
फिर हमनें अपनी आंखो को सजाया है तुम्हारे लिए
तुम अपना दिल कब सजाओगे मेरे लिए....!!
sureshjain.com2023-07-06T22:23:27+05:30
मुनाफिक और बत्तमिज में अगर फ़र्क किया जाए तो बत्तमिज ज्यादा खतरनाक नही होता जितना मुनाफिक होता है
sureshjain.com2023-07-06T22:23:27+05:30
इश्क़ और तबियत का कोई भरोसा नहीं मुर्शिद ,
मिजाज़ से दोनों ही दगाबाज़ हैं ..!!