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sureshjain.com2024-03-22T11:58:57+05:30
राजा की जान 
🦜 में है..
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sureshjain.com2024-03-22T14:39:53+05:30
शीत लहर के स्पर्श से
जब मन झंकार उठा
मधु कूक कोयल से
जब हृदय में ज्वार उठा 
तब शब्द हार पहन 
विरही मन मुख से कविता गान उठा
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sureshjain.com2024-03-22T11:58:57+05:30
जो आपके दिल के जितना ज्यादा करीब होगा..
वो ज़ख्म भी उतना गहरा देगा...
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sureshjain.com2024-03-22T11:58:57+05:30
जब रात है ऐसी मतवाली
फिर सुबह का आलम क्या होगा….
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sureshjain.com2024-03-22T11:58:57+05:30
बीवी मेरी शरारती होनी चाहिए
क्योंकि शरीफ़ तो मैं खुद हूं
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sureshjain.com2024-03-22T10:39:07+05:30
कृष्ण में लीन मीरा
कृष्ण-प्रेम में मग्न है रहती
सुधबुध है खोई अपनी
बावरी कृष्ण-भजन में डूबी रहती

दरस की अभिलाषी मीरा
विष को भी अमृत मान है पी लेती
मोह कहाँ है उसे इस जग से
हर साँस वो गिरधारी को समर्पित करती

ऐसी है दर्श दिवानी मीरा
एक बस कृष्ण-कृष्ण ही जपती रहती।
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sureshjain.com2024-03-21T10:12:31+05:30
पता है मुझे ऐ ज़िन्दगी
कदम कदम पर
तू मुझे रुलायेगी
मगर याद रख
तेरे ज़ुल्मों सितम की उम्र है छोटी 
मेरे होंठों की हंसी से 
तू पल पल मात खायेंगी 
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sureshjain.com2024-03-21T12:46:54+05:30
अंत का भी एक अंत होता हैं, 
कुछ भी कहाँ अनंत होता हैं...
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sureshjain.com2024-03-21T12:44:54+05:30
किरदार कितना भी साफ क्यों ना हो,
लोग वही सोचेंगे जो उनके मन में होगा…
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sureshjain.com2024-03-21T12:44:30+05:30
सिर्फ नंबर 'डिलीट' करने से यादें मिट पायी है क्या ?
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