वो जो हर दर्द अपने दिल में छुपाए बैठा है रो पड़ेगा कभी लगना आहिस्ता गले उसके

हर आदम की अपनी-अपनी किस्मत है। हर किस्मत का अपना - अपना रोना है।।

बिसाते-जिंदगी पर हसरतों के प्यादे हैं, मुकम्मल लोग भी कितने अधूरे-आधे हैं...

हर कोई माँ की मोहब्बत की बात करता है , लेकिन बाप की कुरबानियों का जिक्र कोई नहीं करता है ...

कबीरा तेरे जगत की है कैसी ये तकदीर जनता सारी सड़कों पर, बैठे महल फ़कीर
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