जिस स्त्री को पूजते रहे कभी दुर्गा कभी काली में, आज उसकी अस्मत सरेआम नीलाम की है पांचाली में..!!

पानी और चरित्र कितना भी साफ क्यों ना हो, लोग इन्हें मैला करने में कोई कमी नहीं छोड़ते....!!

ज़िंदगी बहुत सरल है, तकलीफों का मज़ा लेना सीखें....

बुरा मानो या भला साथ रहेने वाले ही काटते है गला

एक हमारे उठने से क्या होता है, आंख दुनिया की भी तो खुलनी चाहिए...
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