जो दूसरों की स्वाधीनता छीनते हैं, वास्तव में कायर हैं।
sureshjain.com2023-07-06T22:22:31+05:30
कबीरा खड़ा बाजार में, सबकी मांगे खैर,
न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर।
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वह लड़कर भी सो जाए तो उसका माथा चूमूं मैं उससे मुहब्बत एक तरफ है उससे झगड़ा एक तरफ।
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ये अलग बात कि ख़ामोश खड़े रहते हैं
फिर भी जो लोग बड़े हैं, वो बड़े रहते हैं।
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कार्यों को प्रारंभ न करना बुद्धि का पहला लक्षण है और प्रारंभ किए हुए कार्य को पूरा करना दूसरा।
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वहाँ कोई महानता नहीं है जहाँ सादगी,
अच्छाई और सच्चाई नहीं है।
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बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।
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कितना अजीब है कि एक जीवन मिला है
जो समझ ही बहुत देर में आता है।
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राजनीति में, साहित्य में, कला में, धर्म में, शिक्षा में। अंधे बैठे हैं और आँखवाले उन्हें ढो रहे हैं।