परिवर्तन केवल कर्म से आता है, ध्यान और प्रार्थना से नहीं। दलाई लामा

हो लेने दो बारिश हम भी रो लेंगे दिल में हैं कुछ ज़ख़्म पुराने धो लेंगे सदार आसिफ़

जो भीड़ से अलग हो,, ज़रूरी नहीं वो हमेशा गलत हो,, कीर्ति चन्द्रा

अच्छा इंसान जब बुरा बनता है, तब बहुत बुरा बन जाता है....

संघर्षों की समर भूमि में, हमसे पूछो हम कैसे हैं, कालचक्र के चक्रव्यूह में, हम भी अभिमन्यु जैसे हैं। हरिओम पंवार
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