"अगर सीखना है तो समंदर से सीखो... वो बड़ा हो के भी अपने दायरे में रहता है"...!!

डालोगे इज्जत पर हाथ उनके, वो सर' धड़ से अलग कर देंगी। अगर है वो द्रौपदी ' तो याद रखना, कृष्ण बनकर भी वही उभरेंगी।। सेजल

जूठ का ज़माना है सच बोलकर मर जाना यारों !

कैसे हो पायेगी अच्छे इंसान की पहचान , दोनो ही नकली हो गए है आँसू और मुस्कान …

यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् । धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे
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